Published On: Tue, Aug 6th, 2024

कांग्रेस के टॉप लीडर्स की बैठक हुई: सुप्रीम कोर्ट के SC कोटे में कोटा के फैसले को लेकर चर्चा हुई


नई दिल्ली7 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
मीटिंग में राहुल गांधी और मलिकार्जुन खड़गे मौजूद। - Dainik Bhaskar

मीटिंग में राहुल गांधी और मलिकार्जुन खड़गे मौजूद।

एससी/एसटी केटेगरी में क्रीमी लेयर को आरक्षण से बाहर करने के सुप्रीम कोर्ट के बयान पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस के टॉप लीडर्स की बैठक हुई।

यह बैठक कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हो रही थी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच राजनीति शुरू हो गई थी। इसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने आगे की रणनीति और रुख पर चर्चा करने के लिए बैठक की। लेकिन इस मीटिंग में आज क्या चर्चा हुई ये सामने नहीं आ पाया है।

इस बैठक में पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में लीडर ऑफ अपोजिशन राहुल गांधी, सांसद केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

नए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने 20 साल पुराना अपना फैसला पलटा
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (1 अगस्त) को 20 साल पुराना अपना ही फैसला पलटा दिया था। इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि अनुसूचित जातियां खुद में एक समूह हैं, इसमें शामिल जातियों के आधार पर और बंटवारा नहीं किया जा सकता।

फैसला सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की संविधान पीठ का है। इसमें कहा गया कि अनुसूचित जाति को उसमें शामिल जातियों के आधार पर बांटना संविधान के अनुच्छेद-341 के खिलाफ नहीं है।

रिव्यू की जरूरत क्यों पड़ी
2006 में पंजाब सरकार कानून लेकर आई, जिसमें शेड्यूल कास्ट कोटा में वाल्मीकि और मजहबी सिखों को नौकरी में 50% रिजर्वेशन और प्राथमिकता दी गई। 2010 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताया और कानून खत्म कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ पंजाब सरकार समेत 23 याचिकाएं दायर की गईं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर 6 फरवरी 2024 को सुनवाई शुरू की।

पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने सुनवाई के दौरान कहा कि भर्ती परीक्षा में 56% अंक हासिल करने वाले पिछड़े वर्ग के सदस्य को 99% हासिल करने वाले उच्च वर्ग के व्यक्ति की तुलना में प्राथमिकता दी जाए। क्योंकि उच्च वर्ग के पास हाईक्लास सुविधाएं हैं, जबकि पिछड़ा वर्ग इन सुविधाओं के बिना ही संघर्ष करता है।

फैसले के मायनेः राज्य सरकारें अब राज्यों में अनुसूचित जातियों में शामिल अन्य जातियों को भी कोटे में कोटा दे सकेंगी। यानी अनुसूचित जातियों की जो जातियां वंचित रह गई हैं, उनके लिए कोटा बनाकर उन्हें आरक्षण दिया जा सकेगा।

जस्टिस गवई फैसला देने वाली 7 जजों की बेंच में शामिल थे।

जस्टिस गवई फैसला देने वाली 7 जजों की बेंच में शामिल थे।

​​​​​​पिछली सुनवाइयों में क्या-क्या हुआ…

8 फरवरी 2024: कोर्ट ने कहा- सबसे पिछड़ों को फायदा पहुंचाने के लिए दूसरों को बाहर नहीं किया जा सकता
सुनवाई के तीसरे दिन था। बेंच ने कहा कि मान लीजिए बहुत सारे पिछड़े वर्ग हैं और राज्य केवल दो को ही चुनता है। ऐसे में जिन्हें बाहर रखा गया है वे इसे चुनौती दे सकते हैं। सबसे पिछड़ों को लाभ देते समय राज्य सरकारें दूसरों को बाहर नहीं कर सकतीं। वरना यह तुष्टिकरण की एक खतरनाक प्रवृत्ति बन जाएगी। कुछ राज्य सरकारें कुछ जातियों को चुनेंगी, कुछ अन्य जातियों को चुनेंगी। हमें इसका पैमाना बनाना होगा। पूरी खबर पढ़ें…

7 फरवरी 2024: SC-ST आर्थिक, शैक्षिक, सामाजिक स्थिति में एक समान नहीं हो सकते
सुनवाई के दूसरे दिन कोर्ट ने कहा कि SC और ST अपनी आर्थिक, शैक्षिक और सामाजिक स्थिति के मामले में एक समान नहीं हो सकते हैं। ये एक निश्चित उद्देश्य के लिए एक वर्ग हो सकते हैं, लेकिन वे सभी उद्देश्यों के लिए एक कैटेगरी नहीं बन सकते। पढ़ें पूरी खबर…

6 फरवरी 2024: कोर्ट ने पूछा- क्या IAS-IPS अफसरों के बच्चों को कोटा मिलना चाहिए
सुनवाई के पहले दिन पंजाब सरकार ने दलील दी कि पिछड़े वर्गों में सबसे पिछड़े समुदायों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें रोजगार के अवसरों का लाभ उठाने के लिए साधन उपलब्ध कराए जाने चाहिए। इस पर बेंच ने सवाल किया कि पिछड़ी जातियों में मौजूद संपन्न उपजातियों को आरक्षण की सूची से क्यों नहीं हटाया जाना चाहिए।

बेंच ने यह भी पूछा कि क्या IAS-IPS अफसरों के बच्चों को कोटा मिलना चाहिए? जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि इन्हें आरक्षण सूची से क्यों नहीं निकाला जाना चाहिए? कुछ उपजातियां संपन्न हुई हैं। उन्हें आरक्षण से बाहर आना चाहिए। ये बाहर आकर बेहद पिछड़े और हाशिए पर चल रहे वर्ग के लिए जगह बना सकते हैं।

खबरें और भी हैं…

.



Source link

About the Author

-

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>