कश्मीर-लद्दाख में सीजन की पहली बर्फबारी: ऐतिहासिक मुगल रोड बंद, स्की रिसॉर्ट में पर्यटक उमड़े; कुछ दिन हल्की बर्फबारी का अनुमान
श्रीनगर/नई दिल्ली4 घंटे पहलेलेखक: रऊफ डार
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मौसम विभाग ने अगले कुछ दिन उत्तर और मध्य कश्मीर में कुछ जगह हल्की बारिश का भी अनुमान जताया है।
कश्मीर घाटी के कई पहाड़ी और मैदानी इलाकों सोमवार को सीजन की पहली बर्फबारी हुई। कुपवाड़ा जिले के साधना टॉप, गुरेज, पीर पंजाल रेंज, पीर की गली, सोनमर्ग सहित लद्दाख के जोजिला दर्रे में भी बर्फबारी हुई। इसके बाद गुलमर्ग और सोनमर्ग के स्की रिसॉर्ट में पर्यटकों की भारी भीड़ देखी जा रही है।
बर्फबारी के कारण श्रीनगर और घाटी के अन्य हिस्सों में कोहरा छाया रहा जिससे सड़क और हवाई यातायात बाधित रहा। मौसम विभाग ने उत्तर और मध्य कश्मीर के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश के साथ हल्की बर्फबारी का अनुमान जताया है।
बर्फबारी की 5 तस्वीरें…
बर्फबारी के बाद गुलमर्ग स्की रिजॉर्ट में पर्यटकों की भीड़ देखने को मिल रही है।
स्कींग शुरू करने ऊंची जगह पर जाने के लिए रोप-वे भी चालू कर दिया गया है।
पूरी घाटी का मौसम बेहद खुशनुमा बना हुआ है।
घाटी में बर्फ की पतली चादर बिछ गई है।
बर्फबारी की वजह से सड़क यातायात भी बाधित हुआ है।
मौसम का राज्यवार हाल…
राजस्थान: दिन के तापमान में गिरावट जारी, माउंट आबू में पारा 11 डिग्री पहुंचा
राज्य के श्रीगंगानगर जिले में सोमवार सुबह धुंध से विजिबिलिटी कम रही।
राजस्थान में लोगों को तेज सर्दी के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। अमूमन नवंबर के दूसरे सप्ताह से तेज होने वाली सर्दी इस सीजन में तीसरे सप्ताह के आखिरी दिनों से होने की संभावना है। इस दौरान राज्य में दिन और रात का तापमान औसत से ऊपर ही रहने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केन्द्र जयपुर ने 15 नवंबर तक राजस्थान में मौसम पूरी तरह ड्राय रहने और तापमान में मामूली गिरावट होने की ही संभावना जताई है। उधर, श्रीगंगानगर में सोमवार सुबह भी स्मॉग का असर रहा। इसी तरह सीकर में सुबह-सुबह हल्का कोहरा रहा। पूरी खबर पढ़ें…
छत्तीसगढ़: 3 दिन तक न्यूनतम तापमान में बदलाव नहीं, 15 नवंबर के बाद ठंड राज्य में अगले 3 दिन तक न्यूनतम तापमान में भी कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं है। मौसम विभाग के मुताबिक, कुछ हिस्सों में हल्के बादल छाए रहने की संभावना है। राजधानी रायपुर में दिन का तापमान 33°C और रात का तापमान 20°C के आसपास रहने का अनुमान है। एक दिन पहले रविवार को यहां हल्के बादल के साथ मौसम में नमी रही। सुबह 84 प्रतिशत और शाम को 55 प्रतिशत नमी रिकॉर्ड की गई।
बिहार: 4 शहरों का AQI 200 के पार, सीवान की हवा सबसे खराब
ला नीना के असर से इस साल देश में दिसंबर से फरवरी तक कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार हैं।
राज्य के कई जिलों की हवा दूषित हो गई है। हवा में नमी बढ़ने के कारण धूल कण की मात्रा बढ़ गई है। इससे एयर क्वालिटी खराब हो गई है। बीते दिन सीवान का AQI सबसे ज्यादा 296 दर्ज किया गया। इसके अलावा पटना में 209, मुजफ्फरपुर में 208, बक्सर में 203, गया में 155 और बिहार शरीफ में 153 AQI दर्ज किया गया।
वहीं, मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पिछले पांच सालों में ऐसा पहली बार होगा, जब नवंबर के दूसरे हफ्ते तक बिहार में ठंड की एंट्री नहीं हुई है। पहले दिवाली और छठ पूजा के बाद से ही ठंड की शुरुआत हो जाती थी, लेकिन इस साल ऐसा नहीं हुआ है।
IMD के मुताबिक, ‘ला नीना’ के असर से इस साल देश में अधिक सर्दी पड़ने का अनुमान है। भारत में इसके नवंबर के तीसरे हफ्ते या फिर दिसंबर में सक्रिय होने के आसार हैं। इसकी सक्रियता से दिसंबर से फरवरी तक कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार हैं।
हरियाणा: स्कूलों की टाइमिंग बदली, ठंड बढ़ने की वजह से फैसला
आदेश 12 नवंबर, 2024 से 15 फरवरी, 2025 तक लागू रहेंगे।
शिक्षा विभाग ने सोमवार से स्कूलों की टाइमिंग बदल दी है। आदेश के मुताबिक सिंगल शिफ्ट वाले स्कूल सुबह 9:30 बजे से दोपहर 3:30 तक चलेंगे। वहीं, डबल शिफ्ट वाले स्कूल पहली शिफ्ट में 7:55 से 12:30 तक और दूसरी शिफ्ट में 12:40 से शाम 5:15 तक चलेंगे। आदेश 12 नवंबर, 2024 से 15 फरवरी, 2025 तक लागू रहेंगे। यह बदलाव लगातार बढ़ती ठंड को देखते हुए किया गया है। पूरी खबर पढ़ें…
हिमाचल: बारिश-बर्फबारी की संभावना, मंडी और बिलासपुर में धुंध का येलो अलर्ट
ठंड बढ़ने के साथ ही राज्य के पर्यटन स्थलों पर भीड़ बढ़ने लगी है। यह तस्वीर शिमला की है।
मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, चंबा, कांगड़ा और लाहौल स्पीति जिलों में हल्की बर्फबारी हो सकती है। इन जिलों के निचले इलाकों में हल्की बारिश भी हो सकती है। प्रदेश के अन्य जिलों में मौसम साफ रहने का अनुमान है।
IMD के अनुसार, 12 से 14 नवंबर तक प्रदेशभर में मौसम साफ हो जाएगा। वहीं, 15 नवंबर को वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होगा। इससे अगले 48 घंटे तक बारिश-बर्फबारी की संभावना है। प्रदेशवासी लंबे समय से बारिश का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि लंबे ड्राइ स्पेल की वजह से सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं।
इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ रही है। 90 प्रतिशत जमीन पर किसान गेंहू की बुआई नहीं कर पा रहे हैं। प्रदेश में 3.26 लाख हैक्टेयर जमीन पर गेंहू की बुआई होती है, लेकिन इस बार अब तक 30 हजार हैक्टेयर पर ही गेंहू की बुआई हो सकी है।