कर्नाटक में लिंगायत समुदाय के आरक्षण की मांग पर बवाल: बेलगावी में हिंसक प्रदर्शन, लाठीचार्ज; विधायक और स्वामीजी हिरासत में

बेंगलुरु11 मिनट पहले
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कर्नाटक में लिंगायत पंचमसाली समुदाय की आरक्षण मांग पर प्रदर्शन उग्र हो गया है। मंगलवार को बेंगलुरु में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा घेरा तोड़कर विधानसभा की ओर मार्च करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया।
लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारी घायल हुए। पुलिस ने भाजपा के कई विधायकों और आंदोलन का नेतृत्व कर रहे बसवजय मृत्युंजय स्वामीजी को हिरासत में लिया। मौके पर सड़क पर जूते-चप्पल बिखरे मिले। कई प्रदर्शनकारियों के सिर से खून बहने के वीडियो भी सामने आए हैं।
इसे लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार और विपक्षी दल भाजपा और JDS के बीच बहस शुरू हो गई है। विपक्षी दलों ने कांग्रेस पर संतों के अपमान का आरोप लगाया, जिसके जवाब में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “हम प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हैं। मैंने प्रतिनिधियों को चर्चा के लिए बुलाया था, लेकिन वे नहीं आए। सबको प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन इसे शांति से किया जाना चाहिए।”
देखें प्रदर्शन और लाठीचार्ज से जुड़ी तस्वीरें…




लिंगायत पंचमसाली समुदाय ने 5% आरक्षण बढ़ाकर 15% करने को कहा
पंचमसाली लिंगायत समुदाय वर्तमान में शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 5% आरक्षण मिला हुआ है। अब वे इसे बढ़ाकर 15% करने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने समुदाय के नेताओं से मुलाकात कर पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट का इंतजार करने को कहा और आश्वासन दिया कि वे रिपोर्ट के हिसाब से सही फैसला लेंगे।
स्वामी के समर्थन में उमड़ा जनसैलाब
मंगलवार सुबह भगवा झंडों के साथ बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी बसवजय मृत्युंजय स्वामी के नेतृत्व में जुटे। उनकी अगुआई में प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
एचडी कुमारस्वामी बोले- कर्नाटक सरकार हिटलर के रास्ते पर
यह मामला विधानसभा में भी गूंजा। भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर जानबूझकर बल प्रयोग करने का आरोप लगाया। भाजपा के बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने विधानसभा में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर निशाना साधते हुए कहा, “क्या कोई सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकता?”
वहीं, जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने X पोस्ट में कहा, “सिद्धारमैया सरकार हिटलर के रास्ते पर चल रही है। पंचमसाली समुदाय के पूजनीय संतों, विशेष रूप से श्री श्री श्री बसवा मृत्युंजय महास्वामीजी के प्रति अपमानजनक व्यवहार से मैं आहत हूं। यह सरकार पत्थर युग की मानसिकता रखती है।” उन्होंने सरकार से माफी मांगने और समुदाय की मांगों को तुरंत पूरा करने की मांग की।