करनाल में चर्च की जमीन का विवाद फिर भड़का: पुलिस के सामने एक पक्ष ने तोड़ी दीवार, चार लोग डिटेन, दूसरे पक्ष ने दिखाई रजिस्ट्री – Karnal News

नीलोखेड़ी चौंकी में रात को अपनी रजिस्ट्री दिखाता दूसरा पक्ष।
हरियाणा में करनाल के नीलोखेड़ी कस्बे में शुक्रवार देर रात को चर्च के पास स्थित विवादित जमीन को लेकर दो पक्ष आमने-सामने आ गए। मामला उस समय और गर्मा गया जब एक पक्ष ने पुलिस की मौजूदगी में ही दीवार को तोड़ दिया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी स्थिति को संभालन
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पुलिस के सामने तोड़ी दीवार, विरोध करने पर मचा हंगामा
शुक्रवार शाम को एक पक्ष ने विवादित जमीन पर कब्जा करने के इरादे से दीवार तोड़ दी। पुलिस पहले से मौके पर मौजूद थी, लेकिन कार्रवाई करने की बजाय देखती रही। दूसरे पक्ष ने इसका विरोध किया और पुलिस को हस्तक्षेप करने को कहा।
जब मामला बढ़ा तो नीलोखेड़ी पुलिस मौके पर पहुंची और चार लोगों को हिरासत में लिया। बता दें कि इस मामले में डीएसपी असंध ने दोनों पक्षों को दस्तावेज दिखाने के लिए समय दिया था, लेकिन उससे पहले ही यह कार्रवाई हो गई।

जमीन की रजिस्ट्री दिखाता दूसरा पक्ष।
चर्च के पादरी बोले– हमारी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं
चर्च के पादरी विरेंद्र और बेंजामिन फ्रेंकलिन का कहना है कि जिस जमीन को लेकर विवाद है, वह पूरी तरह चर्च की है। उनका दावा है कि दूसरा पक्ष नकली रजिस्ट्री के सहारे जमीन पर कब्जा करना चाहता है। उनका कहना है कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है और शनिवार को कोर्ट से इस पर बड़ा फैसला आने वाला है।
शुक्रवार शाम को जब वह खुद मौके पर नहीं थे और चर्च के अंदर कई महिलाएं मौजूद थीं, तभी मोहित मल्होत्रा कुछ लोगों को लेकर वहां पहुंचे और दीवार तोड़नी शुरू कर दी। विरोध करने पर महिलाओं को जान से मारने की धमकी दी गई। पुलिस को फोन करने के बाद टीम मौके पर पहुंची और चार लोगों को अरेस्ट किया गया।

रात को नीलोखेड़ी चौंकी पहुंचे दोनो पक्ष।
65-70 साल पुराना चर्च, सभी दस्तावेज मौजूद होने का दावा
पादरी ने बताया कि यह चर्च लगभग 65 से 70 साल पुराना है और इससे जुड़ी सभी प्रॉपर्टी के दस्तावेज उनके पास हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी अधिकारी चाहे तो दस्तावेज चेक कर सकता है। उनका साफ कहना है कि यह जमीन चर्च की ही है और कोई अलग-अलग प्रॉपर्टी नहीं है। उन्होंने शासन व प्रशासन से न्याय की मांग की है।
हमारी रजिस्ट्री वैध, निर्माण के कोर्ट ऑर्डर हैं
दूसरी ओर, मोहित मल्होत्रा पक्ष का कहना है कि चर्च की जमीन और यह विवादित जमीन अलग-अलग है। उनका दावा है कि 1981 में आशीष के पिता के नाम यह जमीन रजिस्टर्ड हुई थी और अब उनकी मृत्यु के बाद आशीष ने इसे अपने नाम ट्रांसफर करवा लिया है। 25 मार्च को यह रजिस्ट्री हुई थी और उसके बाद चर्च पक्ष ने विवाद शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि यह जमीन 292 गज की है और इसके रिकॉर्ड नगर पालिका में भी दर्ज हैं।

जानकारी देते जमीन का मालिक।
वहीं चर्च की प्रॉपर्टी 250 गज की है और उसकी अलग आईडी है। उन्होंने दावा किया कि गिराई गई दीवार उनकी जमीन पर थी और उन्होंने कोर्ट के आदेश के अनुसार निर्माण कार्य शुरू किया था। उनका यह भी कहना है कि पहले भी निर्माण की कोशिश की गई थी, लेकिन विवाद के चलते रोक लगा दी गई थी।
डीएसपी असंध की बैठक, दोनों पक्षों से दस्तावेज मांगे गए
इस मामले में वीरवार को डीएसपी असंध की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों को अपने-अपने दस्तावेज दिखाने के लिए कहा गया था। हालांकि दस्तावेज पेश करने से पहले ही एक शुक्रवार शाम को एक पक्ष ने दीवार तोड़ने की कार्रवाई कर दी, जिससे माहौल फिर से तनावपूर्ण हो गया। वर्तमान में पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए इलाके में फोर्स तैनात कर दी है।