ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाई आत्मनिर्भर भारत की ताकत, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डिफेंस पीएसयू की तारीफ

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ATAMNIRBHAR BHARAT: भारत कुल 80 देशों को आज सैन्य उपकरण और बाकी साजो सामान बेच रहा है. अमेरिका, फ्रांस और अर्मेनिया साल 2023-2024 में सबसे ज्यादा खरीद करने वाले देश थे. दुनिया के तमाम हथियार निर्माता देश भारत …और पढ़ें

ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाई आत्मनिर्भर भारत की ताकत
हाइलाइट्स
- भारत ने 80 देशों को सैन्य उपकरण बेचे.
- रक्षा उत्पादन 10 साल में 174% बढ़ा.
- रक्षामंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के लिए DPSU की सराहना की.
ATAMNIRBHAR BHARAT: ऑपरेशन सिंदूर में आत्मनिर्भर भारत की ताकत ने पाकिस्तान के सभी हमलों को नाकाम कर दिया. स्वदेशी उपकरणों ने भारत की सुरक्षा को मजबूत किया है. भारतीय सेना की ताकत में इजाफा हुआ है और इसमें आत्मनिर्भर भारत का बड़ा योगदान है. इसी योगदान की सराहना रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की. साउथ ब्लॉक में रक्षामंत्री ने 8 डिफेंस पीएसयू की बैठक बुलाई. बैठक की शुरुआत में ही रक्षा मंत्री ने “ऑपरेशन सिंदूर” और रक्षा उत्पादों के निर्माण के लिए पूरे रक्षा उद्योग की सराहना की. रक्षामंत्री ने विशेष तौर पर DPSUs की भूमिका को सराहा और कहा कि उनकी तकनीकी उपलब्धियों ने भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत किया है.
बैठक में रक्षामंत्री ने की समीक्षा
दिल्ली के साउथ ब्लॉक में आयोजित इस खास बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 प्रमुख रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (DPSUs) जिनमें HAL, MDL, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, मिश्रा धातु निगम लिमिटेड (MIDHANI), गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE), गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) और BEML लिमिटेड के अध्यक्षों और प्रबंध निदेशकों (CMDs) के साथ बैठक की.बैठक में सेक्रेट्री डिफेंस प्रोडक्शन संजीव कुमार ने DPSUs की प्रगति पर एक प्रजेंटेशन दी. उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए उत्पादन मूल्य 1,40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहने की संभावना है, जिसमें से लगभग 78% योगदान DPSUs का होगा.
देश नहीं, विदेशों में भी स्वदेशीकरण का डंका
सेना को स्वदेशी सैन्य उपकरणों के जरिए ताकतवर बनाया जा रहा है और दुनिया भर के देशों को भी बेचा जा रहा है. पिछले दस साल में यह रफ्तार इतनी तेजी से बढ़ी कि अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 23,622 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. रक्षामंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों में बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट पिछले साल के मुकाबले 12.04 प्रतिशत बढ़ा है. साल 2023-2024 में डिफेंस एक्सपोर्ट 21,083 करोड़ रुपये था. इसमें 2,539 करोड़ का इजाफा हुआ है. DPSU और प्राइवेट कंपनियों ने साल 2024-2025 में जबरदस्त प्रदर्शन किया. कुल एक्सपोर्ट का 8,389 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट DPSU ने किया जबकि प्राइवेट कंपनियों ने 15,233 करोड़ रुपये अपनी झोली में डाले. वित्तीय वर्ष 2023-2024 में यह आंकड़ा 5,874 और 15,209 करोड़ रुपये था. DPSU डिफेंस एक्सपोर्ट में पिछली बार के मुकाबले 42.85 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.