ऑनलाइन मिली नेपाली नौकरानी, पत्नी को मिल गई काम से छुट्टी, लेकिन 25 दिन बाद जो हुआ, सहम गए पड़ोसी
उदयपुरः राजस्थान के उदयपुर से हैरान करने वाली खबर है. यहां एक व्यापारी के घर में काम वाली की जरूरत थी. परिवार नौकरानी ढूंढ रहा था. फिर उन्होंने ऑनलाइन वेबसाइट के जरिये नौकरानी की तलाश की. उन्हें एक मेड मिल भी गई. वह नेपाली की रहने वाली थी. उसने घर में काम करना शुरू किया तो पत्नी को काम से आराम मिल गया, लेकिन मजह 25 दिन बाद ही नौकरानी ने लूट की वारदात का अंजाम दे दिया. वह भी इस तरह कि पड़ोसियों तक में दहशत है.
उदयपुर में लूट की एक सनसनीखेज वारदात से खौफ का माहोल है. सुखेर थाना इलाके के न्यू मॉडर्न कॉम्प्लेक्स में एक घर में लूट की वारदात हो गई. यहां एक परिवार के चार सदस्यों को बेहोश कर नेपाली नौकरानी ने अपने चार साथियों के साथ लूट की घटना को अंजाम दिया. यह घटना उन लोगों के लिए भी चिंता का विषय है जो बिना छानबीन के नौकरों को अपने घर की पूरी जिम्मेदारी सौंप देते हैं.
उदयपुर के एक व्यापारी संजय गांधी, उनकी पत्नी शिल्पा, बेटी और बेटा घर में थे. उनके घर में काम करने वाली नेपाली नौकरानी ने पहले तो बेहोशी की दवा पिला दी. फिर उन्हें बंधक बनाकर घर में लूट की वारदात को अंजाम दिया. जानकारी के मुताबिक मूलतः नेपाल की रहने वाली करिश्मा को करीब 25 दिन पहले ही ऑनलाइन सर्च करके काम पर रखा था. वह संजय गांधी के घर में 24 घंटे रहकर काम करती थी. करिश्मा ने लूट की पूरी कहानी तैयार की और अपने चार अन्य साथियों को बीती रात घर में बुला लिया.
इससे पहले परिवार के सदस्यों को बेहोश कर करिश्मा बंधक बना चुकी थी. लूट की घटना की जानकारी सुबह हुई जब घर की बच्ची बंधक अवस्था में जैसे-तैसे घर के बाहर तक आई. वह मदद की गुहार लगाने लगी. बच्ची की चीख को घर के बाहर पड़ोसी विवेक सिंह राजावत और उनके परिवार ने सुना जिन्होंने बच्ची को पहले तो बंधक से मुक्त किया. फिर पुलिस को सूचना देकर पूरे परिवार को हॉस्पिटल पहुंचाया.
संजय गांधी का घर ग्राउंड फ्लोर के अलावा दो मंजिल है. लुटेरी नौकरानी और उसके साथियों ने बच्ची को बंधक बनाकर ग्राउंड फ्लोर पर काफी देर टॉर्चर किया. पहली मंजिल पर बच्चा बेहोशी की अवस्था में था और दूसरी मंजिल पर संजय गांधी और शिल्पा गांधी बेहोशी के अवस्था में पड़े हुए थे. लुटेरों ने बच्ची को बंधक बनाकर काफी देर टॉर्चर किया, क्योंकि वे लोग एक लॉकर को लूट चुके थे. दूसरे को खोलने के पासवर्ड की जरूरत थी. बच्ची ने कई घंटे के टॉर्चर को झेलने के बाद भी पासवर्ड नहीं बताया जिससे लॉकर सुरक्षित बताया जा रहा है. हालांकि, लूट के पूरे सामान की जानकारी संजय गांधी के सही होने के बाद सामने आएगी. पुलिस के आलाधिकारी ग्राउंड जीरो पर भी पहुंचे घटनाक्रम की जानकारी जुटाई.
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FIRST PUBLISHED : July 9, 2024, 15:03 IST