Published On: Sat, Jul 27th, 2024

एस-400 मिसाइल ने 80% टारगेट पर निशाना साधा: 400 किलोमीटर दूर टारगेट को मार गिराने में सक्षम, एयरफोर्स ने वॉर प्रैक्टिस की


नई दिल्ली3 घंटे पहले

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एयरफोर्स ने एक थिएटर लेवल की वॉर प्रैक्टिस में एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की क्षमताओं को जांचा। - Dainik Bhaskar

एयरफोर्स ने एक थिएटर लेवल की वॉर प्रैक्टिस में एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की क्षमताओं को जांचा।

इंडियन एयरफोर्स के सुदर्शन एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम ने वॉर प्रैक्टिस में दुश्मन के 80% लड़ाकू विमानों को मार गिराया। इस दौरान सेना के बाकी फाइटर प्लेन पीछे हटने पर मजबूर हो गए और उन्हें मिशन अबॉर्ट करना पड़ा।

एयरफोर्स ने एक थिएटर लेवल की वॉर प्रैक्टिस की, जहां एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की स्क्वाड्रन को तैनात किया था। इस दौरान एयरफोर्स के राफेल, सुखोई और मिग फाइटर जेट्स ने बतौर दुश्मन उड़ान भरी। प्रैक्टिस में एस-400 ने अपने टारगेट को लॉक किया और करीब 80% फाइटर जेट्स पर सटीक निशाना साधा। प्रैक्टिस का मकसद एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की क्षमताओं को जांच करना था।

रूस से आयात S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम 400 किलोमीटर दूर से ही अपने टारगेट को डिटेक्ट कर काउंटर अटैक करने की क्षमता रखता है। इसे एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने ‘सुदर्शन’ नाम दिया है। सुदर्शन चक्र भगवान श्री कृष्ण का प्रमुख अस्त्र है।

रूस से मिले S-400 के 5 स्क्वाड्रन, 3 तैनात 2 बाकी
भारत और रूस के बीच 2018 में S-400 के पांच स्क्वाड्रन के लिए 35 हजार करोड़ की डील फाइनल हुई है। इसमें से 3 स्क्वाड्रन चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात हैं। 2 का आना बाकी है। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते इसमें देर हो रही है। ये अगस्त 2026 तक वायुसेना को मिल जाएंगी। सेना का मानना है कि S-400 उसके लिए गेम चेंजर साबित होगा। यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस S-400 मिसाइल का इस्तेमाल कर चुका है।

भारतीय वायुसेना को हाल ही में स्वदेशी MR-SAM, आकाश मिसाइल सिस्टम के साथ-साथ इज़राइली स्पाइडर क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम मिला है। रक्षा परिषद ने हाल ही में प्रोजेक्ट कुशा के तहत लॉन्ग रेंज सरफेस एयर मिसाइल सिस्टम की खरीद को भी मंजूरी दी है।

S-400 सिस्टम क्या है?
S-400 एक एयर डिफेंस सिस्टम है। ये हवा के जरिए हो रहे अटैक को रोकता है। ये दुश्मन देशों के मिसाइल, ड्रोन, रॉकेट लॉन्चर और फाइटर जेट्स के हमले को रोकने में कारगर है। इसे रूस के एलमाज सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो ने बनाया है और दुनिया के बेहद आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम में इसकी गिनती होती है।

S-400 में क्या है खास

  • S-400 में 400 इस सिस्टम की रेंज को दर्शाता है। रूस से भारत को जो सिस्टम मिला है, वह 400 किलोमीटर दूर से टारगेट को डिटेक्ट करता है। हालांकि, दुश्मन इसे आसानी से डिटेक्ट नहीं कर सकते हैं।
  • S-400 की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे रोड के जरिए कहीं भी लाया ले जाया जा सकता है।
  • इसमें 92N6E इलेक्ट्रॉनिकली स्टीयर्ड फेज्ड ऐरो रडार लगा हुआ है जो करीब 600 किलोमीटर की दूरी से ही मल्टिपल टारगेट्स को डिटेक्ट कर सकता है।
  • ऑर्डर मिलने के 5 से 10 मिनट में ही ये ऑपरेशन के लिए रेडी हो जाता है।
  • S-400 की एक यूनिट से एक साथ 160 ऑब्जेक्ट्स को ट्रैक किया जा सकता है। एक टारगेट के लिए 2 मिसाइल लॉन्च की जा सकती हैं।
  • यह 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर भी अपने टारगेट को अटैक कर सकता है।

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