एससी आरक्षण का आधार छुआछूत, फिर क्रीमीलेयर कैसे; सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोलीं शांभवी चौधरी

ऐप पर पढ़ें
सुप्रीम कोर्ट के एससी एसटी आरक्षण में सब कैटगरी और क्रीमी लेयर बनाने के फैसले पर राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी ने शीर्ष अदालत के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि जब अनुसूचित जाति के आरक्षण का आधार ही छुआछूत है तो उसका वर्गीकरण और क्रीमी लेयर का प्रावधान कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसमें ऐसा नहीं हो सकता है कि किसी एक जाति को ज्यादा आरक्षण मिल रहा है और दूसरी को कम मिल रहा है।
बिहार के समस्तीपुर से सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि एससी आरक्षण में क्रीमी लेयर की बात हो रही है। मगर इस वर्ग को छुआछूत की वजह से ही आरक्षण दिया गया था। अगर आपकी जाचि को कभी भी भेदभाव का सामना करना पड़ा, आपके साथ जाति के आधार पर गलत हुआ या छुआछूत की गई, तो समाज में सामान्य प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए आरक्षण दिया गया।
उन्होंने कहा कि अब आप इसमें क्लास डिविजन या सब डिविजन लाने के प्रयास में हैं, तो यह सही नहीं है। अनुसूचित जाति में क्रीमी लेयर और नॉन क्रीमी लेयर कैसे हो सकती है। इसका आधार कुछ और है और आप उसे कुछ और प्रोजेक्ट करना चाह रहे हैं। शांभवी ने कहा कि आरक्षण का लाभ सामान्य है। ऐसा नहीं है कि किसी भी एक जाति को आरक्षण ज्यादा मिल रहा है और दूसरी को कम मिल रहा है। जातियों के आधार पर उस आरक्षण को आप उसको नहीं बांट सकते हैं। एससी आरक्षण का आधार कभी भी क्लास डिविजन नहीं था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसले में ओबीसी रिजर्वेशन की तर्ज पर एससी और एसटी कोटे में भी सब कैटगरी बनाई जा सकती है। साथ ही राज्यों को एससी और एसटी वर्ग में क्रीमी लेयर बनाकर सामाजिक और आर्थिक रूप से समृद्ध लोगों को आरक्षण के दायरे से बाहर करने की भी बात कही गई।