एलपीजी गैस या बिजली से नहीं, पानी से चलेगा ये इको फ्रैंडली चूल्हा, जानें इसकी खासियत

नई दिल्ली. देश में जब एलजीपी, सीएनजी और पीएनजी के दामों के साथ-साथ पेट्रोल व डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. ऐसे में इन उत्पादों के प्रयोग को कम करने वाले नए विकल्प से लोगों को भविष्य में निश्चित रूप से राहत मिलेगी. ऐसा ही नवीनतम विकल्प चीन में रह रहे भारतीय इनोवेटर राजेश पुरोहित ने तैयार किया है. एक नये इनोवेशन के तहत हाल ही में पानी से चलने वाला चूल्हा का निर्माण किया है.
जलवायु परिवर्तन का सीधा असर, हमारे रोजमर्रा के जीवन में चरम मौसम की घटनाओं में देखने को मिलता है, जिनकी वजह से सैकड़ों अरब डॉलर का नुकसान हुआ है और मानव जीवन व कल्याण को भी भारी नुकसान पहुंचा है.
वहीं, चीन, भारत समेत अनेक देशों ने आने वाले कुछ दशकों में शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है. उनके विचार में पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाओं में तेजी लाना आवश्यक है। इसे देखते हुए, आज तमाम कंपनियां और लोग अपने नये-नये बिजनस प्लान और विचार सामने रख रहे हैं और उन्हें अमलीजामा पहना रहे हैं.
इस बीच, चीन में रह रहे एक भारतीय विनिर्माता और इनोवेटर, राजेश पुरोहित ने हाल ही में एक ऐसे चूल्हे का विनिर्माण किया है, जो पानी से चलता है. इस चूल्हे के इस्तेमाल से बेहद कम दाम पर और बिना किसी प्रदूषण के खाना पकाया जा सकता है.
राजेश पुरोहित ने बताया कि उनका हाइड्रोजन एटीएम उत्पाद इलेक्ट्रोलिसिस तकनीक पर आधारित है जिसमें हाइड्रोजन और पानी के अणुओं को अलग (तोड़ा) किया जाता है. ऐसा करने से ऊर्जा का सृजन होता है, और उससे पैदा होने वाली ऊष्मा पारंपरिक विद्युत तापन विधि की तुलना में 5 गुना अधिक होता है. यह एक नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) है, और इससे किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं होता है.
पिछले 9 वर्षों से इस उत्पाद को बना रहे राजेश पुरोहित ने बताया कि इस उत्पाद को बनाने में सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण इसके कल-पुर्जों को विकसित करना था, क्योंकि इसके कल-पुर्जे आमतौर पर बाजार में उपलब्ध नहीं है.
उन्होंने यह भी बताया कि इस समय उनके उपकरणों के अलावा अभी बाजार में कोई और उपकरण उपलब्ध नहीं है, लेकिन उम्मीद है कि बहुत जल्द ही बाजारों में ऐसे उत्पाद जरूर देखने को मिल जाएंगे. चाहे गीजर हो, हीटर हो या कोई भी अन्य हीटिंग उपकरण हो, लगभग उन सभी हीटिंग की इस पद्धति का उपयोग करते हुए देखा जा सकेगा.
दरअसल, ऐसे उत्पादों में एलपीजी, पेट्रोल, डीजल, आदि का कोई खर्चा नहीं है. साथ ही, बढ़ती इस महंगाई में ये उपकरण काफी हद तक आपकी जेब ढीली होने से बचाएंगे.
अक्षय ऊर्जा कभी न खत्म होने वाला स्रोत
अक्षय ऊर्जा की वकालत करने वाले राजेश पुरोहित ने कहा कि अक्षय ऊर्जा कभी न खत्म होने वाला स्रोत है और यह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. जीवाश्म ऊर्जा हमारे आसपास की प्राकृतिक सुंदरता को नष्ट कर देते हैं और जलवायु को भी प्रभावित करते हैं. इसलिए, अब समय आ गया है कि लोगों को अब अक्षय ऊर्जा की तरफ शिफ्ट हो जाना चाहिए, जो कि यह हर किसी के लिए फायदेमंद है.