Published On: Wed, Nov 27th, 2024

एम्स को ऊंचाइयों तक पहुंचाया, अब ‘अमृत रत्‍न’ अवार्ड की जूरी बने डॉ. गुलेरिया


नई दिल्ली. न्यूज18 इंडिया उन लोगों को अमृत रत्न सम्मान से सम्मानित करने जा रहा है, जिन्होंने अपनी अभूतपूर्व उपलब्धियों के जरिए भारत की कहानी में बहुत बड़ा योगदान दिया है. यह प्रतिष्ठित सम्मान एक भव्य समारोह में दिया जाएगा. चैनल का उद्देश्य अमृत रत्न सम्मान को विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय आइकन की उपलब्धियों के वार्षिक उत्सव के रूप में स्थापित करना है, जिन्होंने देश को गौरवान्वित किया है. यह इन दिग्गजों के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता व्यक्त करने का एक अवसर है.

अमृत रत्न सम्मान का उद्देश्य न केवल देश में प्रदान किए जाने वाले सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक बनना है, बल्कि यह एक अन्य उद्देश्य की पूर्ति भी करना चाहता है- यह देश का सबसे बड़ा मंच बनना है. जहां इस बात पर चिंतन किया जा सके कि भारत और भारतीय कैसे विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी प्रगति करना जारी रख सकते हैं. अमृत रत्न सम्मान से पुरस्कृत होने वाले लोगों का चुनाव एक प्रतिष्ठित जूरी के जरिये किया जाता है. इस बार जूरी में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई, जी-20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत, लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) केजेएस ढिल्लों, पूर्व एथलीट और राज्यसभा सांसद पीटी उषा और दल्ली एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया शामिल हैं.

रणदीप गुलेरिया एक भारतीय पल्मोनोलॉजिस्ट और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के पूर्व निदेशक हैं. उन्हें एम्स में भारत के पहले पल्मोनरी मेडिसिन और स्लीप डिसऑर्डर सेंटर की स्थापना का श्रेय दिया जाता है. उन्हें भारत सरकार द्वारा 2015 में चौथे सर्वोच्च भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. गुलेरिया एक किताब ‘ टिल वी विन: इंडियाज फाइट अगेंस्ट द कोविड-19 पैन्डेमिक’ के सह-लेखक हैं.

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दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल के 1975 के पूर्व छात्र डॉ. गुलेरिया ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से संबद्ध आईजीएमसी, शिमला में अपनी चिकित्सा की पढ़ाई शुरू की, जहां से उन्होंने मेडिसिन में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. उसके बाद वे पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) चंडीगढ़ में गए. जहां से उन्होंने जनरल मेडिसिन में एमडी और पल्मोनरी मेडिसिन में डीएम की डिग्री हासिल की. वे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में शामिल हुए और रैंक में तरक्की करते हुए प्रोफेसर और पल्मोनोलॉजी और स्लीप डिसऑर्डर विभाग के प्रमुख बने.

Tags: Amrit Ratna, Amrit Ratna Honour, Dr Randeep Guleria, Randeep Guleria

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