Published On: Thu, Jun 6th, 2024

उर्वरक के इस्तेमाल से पहले मिट्टी की जांच जरूरी: मृदा की उर्वरा शक्ति होती जा रही समाप्त, प्रयोगशाला में 64843 नमूनों की जांच – Darbhanga News



किसानों में जागरूकता की कमी है। विभागीय स्तर पर किसानों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाता है। फिर भी जिले के किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का सही तरीके से लाभ नहीं मिल पा रहा है। जबकि उपज बढ़ने के लिए मिट्टी ज

.

उर्वरकों के उपयोग से खेती की लागत में कमी आती

2018-2019 से 2024-25 तक लक्ष्य के अनुसार 70906 किसानों से मिट्टी के नमूने लिए गए। प्रयोगशाला में 64843 नमूनों की जांच की गई। इसमें से 215015 किसानों के बीच मृदा कार्ड का वितरण किया गया। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत किसानों को जो कार्ड दिए जाते हैं। उसमें खेत की मिट्टी के बारे में जानकारी मिलती है। जिससे किसान अपनी जमीन की मिट्टी की गुणवत्ता के आधार पर अच्छी फसल की खेती कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत खेतों की मिट्टी के अनुसार फसल लगाने का सुझाव दिया जाता है।

बताया जाता है कि मिट्टी में कितनी कितनी मात्रा में किन-किन पोषक तत्वों की कमी है। किस फसल के लिए कितना, कौन सा खाद खेतों में इस्तेमाल करना है। सही मात्रा में उर्वरकों के उपयोग से खेती की लागत में भी कमी आ सकती है।

तीन साल में मिट्टी की जांच करानी चाहिए

इस संबंध में सहायक निदेशक डॉ. अनु कुमारी ने बताया की वर्ष 2024-2025 में 16,800 नमूनों की जांच करने का लक्ष्य निर्धारित है। अभी तक 5269 मिट्टी नमूना का ऑलाइन संग्रहण किया गया है। प्रयोगशाला में 152 नमूना प्राप्त हुए हैं। 136 मिट्टी नमूनों की जांच की गई है। इतने ही किसानों को मृदा कार्ड दिया गया है। इस वर्ष से जिन किसानों के खेतों की मिट्टी के नमूना लिए जाएंगे उनका फोटो लेना अनिवार्य है। पहले ऐसा नहीं था। तीन साल में किसानों को मिट्टी जांच करानी चाहिए।

.



Source link

About the Author

-

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>