ईरान में थे शहबाज-आसिम मुनीर, तभी भारत ने कर दिया खेल, चाबहार पोर्ट से है कनेक्शन

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Chabahar Port News: भारत चाबहार पोर्ट को 2026 तक रेलवे से जोड़ेगा, जिससे भारत-ईरान को फायदा होगा. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर तुर्की, ईरान, अजरबैजान और ताजिकिस्तान दौरे पर हैं.

ईरान रेलवे लिंक से चाबहार पोर्ट को 2026 तक जोड़ा जाएगा.
हाइलाइट्स
- भारत चाबहार पोर्ट को 2026 तक रेलवे से जोड़ेगा.
- चाबहार पोर्ट की क्षमता 1 लाख TEU से 5 लाख TEU होगी.
- 700 किमी रेलवे ट्रैक से चाबहार पोर्ट ईरानी नेटवर्क से जुड़ेगा.
Chabahar Port News: ऑपरेशन सिंदूर से मार खा चुका पाकिस्तान अब कटोरा पॉलिटिक्स में जुटा है. जहां-तहां से अब भीख मांगने में लगा है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर 25 से 30 मई के बीच तुर्की, ईरान, अजरबैजान और ताजिकिस्तान के दौरे पर हैं. मकसद अपनी चोट दिखाकर सहानुभूति बटोरना. साथ ही अपनी चाल में अन्य देशों को फंसाना है. जब शहबाज और आसिम मुनीर ईरान में थे, तभी भारत ने ऐसा खेल कर दिया, जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की होगी. जी हां, ईरान के चाबहार पोर्ट को भारत रेलवे से जोड़ने जा रहा है.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, चाबहार पोर्ट यानी बंदरगाह साल 2026 के मध्य तक रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाएगा. इससे भारत और ईरान दोनों को बहुत फादया होगा. चाबहार पोर्ट का काम इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड कर रही है. अब इस चाबहार पोर्ट की क्षमता का इजाफा होगा और इसे ईरानी रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. भारत ऐसे वक्त में चाबहार पोर्ट को और विकसित करने की कोशिश में जुटा है, जब यहां अमेरिकी प्रतिबंधों का खतरा मंडरा रहा है.
क्यों अहम है रेल नेटवर्क से जुड़ना
सूत्र के मुताबिक, भारत और ईरान ने चाबहार बंदरगाह को और विकसित करने की अपनी कोशिशें जारी रखी हैं. यह सबकुछ तब हो रहा है जब अमेरिका ओमान की खाड़ी पर इस सुविधा को मिलने वाले प्रतिबंधों में ढील को खत्म करने की धमकी दे रहा है. फिलहाल, चाहबार पोर्ट की क्षमता को एक लाख टीईयू (ट्वेंटी-फुट इक्विवेलेंट यूनिट्स) से बढ़ाकर पांच लाख टीईयू करने का काम चल रहा है.
कैसे होगा फायदा
इतना ही नहीं, चाहबार और जाहेदान को जोड़ने के लिए 700 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बिछाकर पोर्ट को ईरानी रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी है. सूत्रों की मानें तो दोनों परियोजनाओं के अगले साल के मध्य तक पूरे होने की उम्मीद है. रेल लिंक के पूरा होने से भारत और ईरान इस बंदरगाह को इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC) के एंट्री गेट यानी प्रवेश द्वार के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे. इससे भारत की मध्य एशियाई और यूरेशियाई देशों के बाजारों तक सीधी पहुंच बढ़ेगी.
भारत-ईरान में है करार
इस महीने की शुरुआत में ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची की नई दिल्ली यात्रा के दौरान भी बंदरगाह की पूरी क्षमता का एहसास कराने के प्रयासों पर चर्चा हुई. पिछले साल मई में भारत और ईरान ने चाबहार पोर्ट के शहीद बेहिशती टर्मिनल के संचालन के लिए 10 साल का समझौता किया था. बंदरगाह संचालन के लिए उपकरण हासिल करने हेतु 120 मिलियन डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता के अलावा, भारत ने गहरे समुद्र में स्थित बंदरगाह के आसपास बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए 250 मिलियन डॉलर की क्रेडिट विंडो की पेशकश की थी.

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho…और पढ़ें
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