Published On: Sun, Jun 1st, 2025

इंडिगो फ्लाइट टर्बुलेंस में फंसी: रायपुर से दिल्ली आ रही थी, 80 KMPH की आंधी के कारण हवा में कई चक्कर लगाए, फिर सेफ लैंडिंग


नई दिल्ली12 मिनट पहले

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दिल्ली NCR में धूलभरी आंधी चली थी। यह वीडियो फ्लाइट में सवार यात्री ने बनाया था। - Dainik Bhaskar

दिल्ली NCR में धूलभरी आंधी चली थी। यह वीडियो फ्लाइट में सवार यात्री ने बनाया था।

छत्तीसगढ़ के रायपुर से दिल्ली जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E 6313 रविवार को टर्बुलेंस में फंस गई। दिल्ली में लैंड करने से पहले पायलट को फ्लाइट को दोबारा हवा में उड़ाना पड़ा। ऐसा दिल्ली-NCR में दोपहर के वक्त धूलभरी आंधी के कारण हुआ।

इसके बाद फ्लाइट ने आसमान में कई चक्कर लगाए। बाद में एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से क्लियरेंस मिलने के बाद फ्लाइट सुरक्षित लैंड कराई गई। फ्लाइट के हवा में चक्कर काटने का वीडियो भी सामने आया है। इसमें नजर आ रहा है कि फ्लाइट में बैठे पैसेंजर्स घबराए हुए हैं।

पायलट ने पैसेंजर्स को बताया था कि 80KMPH की रफ्तार से आंधी चल रही थी।

फ्लाइट के अंदर की 2 तस्वीरें…

फ्लाइट के पायलट के मुताबिक 80KMPH की रफ्तार से आंधी चल रही थी।

फ्लाइट के पायलट के मुताबिक 80KMPH की रफ्तार से आंधी चल रही थी।

टर्बुलेंस में फंसने के बाद फ्लाइट में मौजूद पैसेंजर्स बहुत घबरा गए थे।

टर्बुलेंस में फंसने के बाद फ्लाइट में मौजूद पैसेंजर्स बहुत घबरा गए थे।

21 मई: दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो की फ्लाइट टर्बुलेंस में फंसी थी

Indigo ने बताया था कि फ्लाइट ओलावृष्टि में फंस गई थी। इस वजह से इमरजेंसी के हालात बने थे।

Indigo ने बताया था कि फ्लाइट ओलावृष्टि में फंस गई थी। इस वजह से इमरजेंसी के हालात बने थे।

दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E 2142 खराब मौसम के कारण टर्बुलेंस में फंस गई थी। फ्लाइट में तेज झटके लगने शुरू हुए थे, जिससे यात्रियों में डर पैदा हो गया था। लोग चीखने लगे थे। पायलट ने श्रीनगर के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) में जानकारी देकर इमरजेंसी लैंडिंग कराई थी।

लैंडिंग के बाद देखा गया कि फ्लाइट की नोज कोन (आगे का हिस्सा) टूट गया था। फ्लाइट में 227 यात्री और क्रू मेंबर्स थे, जो पूरी तरह सुरक्षित रहे थे। सोशल मीडिया पर टर्बुलेंस ​​​​​​के दौरान फ्लाइट के भीतर के कई वीडियो सामने आए, जिनमें लोग अपनी जान के लिए प्रार्थना करते नजर आए थे। बच्चे रोते नजर आए थे। पूरी खबर पढ़ें…

क्या होता है टर्बुलेंस? विमान में टर्बुलेंस या हलचल का मतलब होता है- हवा के उस बहाव में बाधा पहुंचना, जो विमान को उड़ने में मदद करती है। ऐसा होने पर विमान हिलने लगता है और अनियमित वर्टिकल मोशन में चला जाता है यानी अपने नियमित रास्ते से हट जाता है। इसी को टर्बुलेंस कहते हैं। कई बार टर्बुलेंस से अचानक ही विमान ऊंचाई से कुछ फीट नीचे आने लगता है।

यही वजह है कि टर्बुलेंस की वजह से विमान में सवार यात्रियों को ऐसा लगता है, जैसे विमान गिरने वाला है। टर्बुलेंस में प्लेन का उड़ना कुछ हद तक वैसा ही है, जैसे-उबाड़-खाबड़ सड़क पर कार चलाना। कुछ टर्बुलेंस हल्के होते हैं, जबकि कुछ गंभीर होते हैं।

किसी भी प्लेन को स्थिर तौर पर उड़ने के लिए जरूरी है कि इसके विंग के ऊपर और नीचे से बहने वाली हवा नियमित हो। कई बार मौसम या अन्य कारणों से हवा के बहाव में अनियमितता आ जाती है, इससे एयर पॉकेट्स बन जाते हैं और इसी वजह से टर्बुलेंस होता है।

टर्बुलेंस तीव्रता के लिहाज से तीन तरह के होते हैं

  • हल्के टर्बुलेंस: इसमें प्लेन 1 मीटर तक ऊपर-नीचे होता है। यात्रियों को पता भी नहीं चलता।
  • मध्यम टर्बुलेंस: इसमें जहाज 3-6 मीटर तक ऊपर-नीचे होते हैं। इससे ड्रिंक गिर सकता है।
  • गंभीर टर्बुलेंस: इसमें जहाज 30 मीटर तक ऊपर-नीचे होते हैं। सीट बेल्ट न लगाए रहने पर पैसेंजर उछलकर गिर सकते हैं।

क्या टर्बुलेंस की वजह से प्लेन क्रैश हो सकता है?

  • आधुनिक टेक्नीक के बेहतर होने से टर्बुलेंस की वजह से प्लेन क्रैश होने की आशंका काफी कम हो गई है, लेकिन टर्बुलेंस से प्लेन क्रैश की आशंका रहती है। 1960 के दशक में दुनिया में हुए कुछ विमान हादसे टर्बुलेंस की वजह से ही हुए थे।
  • 1994 में अमेरिका में US एयर फ्लाइट 1016 आंधी-तूफान की वजह से पैदा हुए टर्बुलेंस के कारण लैंडिंग के समय क्रैश हो गई थी। इस हादसे में 37 लोगों की मौत हो गई थी।
  • 1999 में अमेरिकी एयरलाइन फ्लाइट 1420 आंधी-तूफान की वजह से पैदा टर्बुलेंस के बाद लैंडिंग के समय एयरपोर्ट पर रनवे से आगे निकलकर क्रैश हो गई थी। इस हादसे में विमान में सवार 145 में से 11 लोगों की मौत हुई थी।
  • 2001 में वेक टर्बुलेंस की वजह से अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट 587 टेकऑफ के थोड़ी देर बाद क्रैश हो गई थी, जिससे इसमें सवार सभी 260 लोगों की मौत हो गई थी।
  • आधुनिक प्लेन इस तरह बनाए जाते हैं कि वे हर तरह के टर्बुलेंस झेल सकें। पायलट को भी इससे निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है।

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अगर आपने हवाई जहाज में यात्रा की है तो एयर टर्बुलेंस से भलीभांति वाकिफ होंगे। एयर ट्रैवल के दौरान जमीन से हजारों फीट की ऊंचाई पर हवा में हम वैसे भी काफी वलनरेबल होते हैं, लेकिन ऐसे में अगर कोई मुश्किल आए तो शरीर और दिमाग का रिएक्शन काफी तीव्र हो सकता है। पूरी खबर पढ़ें…

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