{“_id”:”67735060ddbd05f9d20b89d0″,”slug”:”governor-manoj-sinha-says-peace-in-jammu-and-kashmir-is-a-pain-for-pakistan-terrorist-attack-and-article-370-2024-12-31″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”इंटरव्यू: ‘कश्मीर में शांति से पाकिस्तान के पेट में दर्द’, पूर्ण राज्य और पलायन के मसले पर भी बोले एलजी सिन्हा”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
Governor Manoj Sinha – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
जम्मू-कश्मीर में लंबे समय तक शांति रहती है तो पड़ोसी देश के पेट में दर्द होने लगता है। पाकिस्तान की वजह से यहां घुसपैठ बढ़ती है, लेकिन, पुलिस-प्रशासन और सेना में तालमेल अच्छा है। इंटेलीजेंस एजेंसियां समन्वय से काम कर रही हैं। यह कहना है जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा का। आतंकवाद व शांति-व्यवस्था पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से सलाह से जुड़े सवाल पर कहा कि मैं उनके उचित सुझावों का स्वागत करूंगा। राज्य से जुड़े अहम मुद्दों पर मनोज सिन्हा से महेंद्र तिवारी ने की खास बातचीत…
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पूर्ण राज्य बहाली पर प्रधानमंत्री भी कर चुके वादा, 370 पर संसद ने लगाई मुहर
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पूर्ण राज्य के दर्जे पर बड़ी स्पष्टता से बात की। कहा, कैबिनेट का जो प्रस्ताव था, वह बहुत साधारण था। उसमें कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किया था कि वह पूर्ण राज्य के दर्जा बहाली को लेकर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व भारत सरकार के प्रतिनिधियों से बात करेंगे। पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर गृहमंत्री कह चुके हैं। प्रधानमंत्री भी श्रीनगर की सभा में कह चुके हैं। ऐसे में यदि प्रस्ताव मेरे सामने आया, तो मैंने सिफारिश कर दी। मुझे लगता है कि जिस मुद्दे पर (अनुच्छेद-370 को लेकर) देश की संसद मुहर लगा चुकी है, उस पर मैं कुछ नहीं कहूंगा।
वारदात में 70% की कमी, आतंकियों का इकोसिस्टम खत्म करने में हुए सफल
आतंकी वारदात में 70 फीसदी कमी आई है। आतंकियों का सफाया करने में ही नहीं, बल्कि इसके पूरे इकोसिस्टम को समाप्त करने में काफी हद तक सफलता मिली है। आतंकियों का लोकल रिक्रूटमेंट आज की तारीख में सबसे कम है। नारको टेररिज्म जरूर नई चुनौती बना है, पर इसे समाप्त करने में प्रधानमंत्री, विशेष रूप से गृह मंत्री काफी रुचि लेते हैं। जीरो टालरेंस की नीति अपनाई गई है।
मानसिक प्रभाव जरूर पड़ा, पर प्रवासियों का पलायन नहीं हुआ
जिस वक्त हमले हुए, उस वक्त दीपावली भी थी। त्योहार पर बड़ी संख्या में लोग घर जाते हैं। आतंकी वारदात की वजह से लोग गए, यह कहना ठीक नहीं। सच है कि घटनाएं हुईं, उसका मानसिक प्रभाव भी पड़ता है। पिछले चार-साढ़े चार सालों में आतंकी हमलों पर प्रभावी नियंत्रण पाया गया है। इस वर्ष कुछ घटनाएं हुई हैं, पर समग्रता में देखें, तो वर्ष दर वर्ष आतंकी वारदात में कमी आई है।