इंजीनियरिंग छात्रा रेप-मर्डर केस में फांसी की सजा पर रोक: रेप के बाद जलाकर मार डाला, हाईकोर्ट ने कहा था- फांसी से कम ठीक नहीं – Ranchi News
इंजीनियरिंग छात्रा रेप-मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने युवक की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 19 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्रा के साथ बलात्कार और हत्या के दोषी 30 वर्षीय युवक की मौत की सजा पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत, पंकज मिथल और उज्ज्वल भुईयां की पीठ ने मामले में ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट का रिकार्ड पेश करने
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निचली अदालत ने 2019 में घटना के दोषी बिहार के नवादा जिले के राहुल कुमार उर्फ राहुल राज को फांसी की सजा दी थी, जिसे रांची हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा था। राहुल ने इसी सजा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
जानिए पूरी घटना…, तब रांची की सड़कों पर भड़का था गुस्सा
बीटेक की 19 वर्षीय छात्रा रांची की बूटी बस्ती में अपनी बहन के साथ रहती थी। उसके माता-पिता भी आते-जाते थे। 15 दिसंबर 2016 को छात्रा घर में अकेली थी। शाम छह बजे कॉलेज से लौटी थी। राहुल ने उसका दिनभर पीछा किया था। छात्रा को इसका एहसास नहीं था।
घटनास्थल की जांच तत्कालीन डीजीपी तक ने की थी।
16 दिसंबर की सुबह करीब 4 बजे राहुल उसके घर के ग्रिल का ताला किसी तरह खोलकर अंदर घुस आया। उसके साथ रेप किया और जब छात्रा अचेत हो गई तो तार से उसका गला घोंट दिया। छात्रा के शरीर से कपड़े उतारे और मोटर में डालने के लिए घर में रखा मोबिल बॉडी पर डालकर आग लगा दी। उसने छात्रा के कपड़े दूसरे कमरे में फेंक कर आग लगा दी। इसके बाद वह दरवाजा बंद कर भाग गया।
इस जघन्य घटना के बाद रांची में लोग भड़क गए। कई दिनों तक प्रदर्शन हुए। बाद में इस मामले की जांच CBI को सौंपी गई। एजेंसी ने करीब 300 लोगों से पूछताछ की। मोबाइल कॉल के आधार पर राहुल का पता लगाया गया था।
आरोपी पर पटना और लखनऊ में पहले से दर्ज है रेप केस
राहुल नालंदा के एकंगरसराय थाना क्षेत्र के घुरगांव का रहने वाला है। जांच में पता चला कि वह (राहुल) आदतन अपराधी है। वह बूटी बस्ती में ही रहता था। उस पर पहले से पटना और लखनऊ में रेप के मामले दर्ज थे। CBI जब राहुल की तलाश में उसके गांव पहुंची तो पता चला कि वह रेप के एक केस में लखनऊ जेल में बंद है।
एजेंसी ने राहुल की मां के खून का सैंपल लेकर DNA टेस्ट कराया। छात्रा की बॉडी से उठाए गए स्वाब और नाखून के भीतरी अंश से DNA मैच कर गया। बाद में राहुल को लखनऊ जेल से प्रोडक्शन वारंट पर रांची लाकर पूछताछ की गई।
हाईकोर्ट ने कहा था -‘यदि ऐसे मामलों में फांसी की सजा नहीं दी जाएगी तो हम पीड़ित और समाज को निराश करेंगे।
हाईकोर्ट ने की थी तल्ख टिप्पणी
दिसंबर 2019 में ट्रायल कोर्ट ने राहुल राज को IPC की धारा 302, 376, 449 और 201 के तहत दोषी ठहराया और उसे मौत की सजा सुनाई। 9 सितंबर 2024 को हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की सजा को बरकरार रखते हुए टिप्पणी की थी-‘यदि ऐसे मामलों में फांसी की सजा नहीं दी जाएगी तो हम पीड़ित और समाज को निराश करेंगे। इसका भयानक कृत्य IPC की धारा 302 के तहत मृत्युदंड की मांग करता है।’