आर्मी बोली- सेना में अभी 1 लाख अग्निवीर एनरोल्ड: 70 हजार यूनिटों में पोस्टेड, 2024-25 के लिए 50 हजार वैकेंसी निकाली

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नई दिल्ली33 मिनट पहले
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सरकार ने 2022 में अग्निपथ स्कीम लॉन्च की थी। इसके तहत आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में चार साल के लिए नौजवानों को कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किया जाता है। (फाइल फोटो)
इंडियन आर्मी में अभी तक 1 लाख अग्निवीर शामिल किए जा चुके हैं। यह जानकारी लेफ्टिनेंट जनरल सी.बी. बोनप्पा ने रविवार को दी। उन्होंने कहा कि 70 हजार यूनिटों में इन सभी अग्निवीरों की पोस्टिंग हुई है। इनमें करीब 200 महिलाएं भी शामिल हैं।साथ ही उन्होंने बताया कि साल 2024-25 के लिए 50 हजार वैकेंसी निकाली गई हैं। इसकी प्रक्रिया जारी है।
बोनप्पा ने बताया कि जून 2022 में योजना शुरू की गई। हमारे पास पहला बैच था, जिसे दिसंबर 2022 से जनवरी 2023 के बीच भर्ती किया गया था। वे बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
अग्निवीर भी सामान्य सैनिकों की तरह काम कर रहे
लेफ्टिनेंट बोनप्पा ने कहा कि ये अग्निवीर सभी तरह के ऑपरेशनल और प्रोफेशनल ड्यूटी को उसी तरह से निभा रहे हैं, जैसे कि कोई अन्य सिपाही निभाता है। उनके मुताबिक ये अग्निवीर पूरी तरह से अपने अपनी यूनिट में घुल मिल चुके हैं। वह वही यूनिफॉर्म पहनते हैं और समान ड्यूटी निभाते हैं।

केंद्र सरकार ने 15 जून 2022 को अग्निवीर योजना लागू की थी।
पूर्व अग्निवीरों को CISF, BSF में 10% आरक्षण
अग्निवीर पर केंद्र सरकार के फैसले के 2 साल बाद CISF और BSF ने 11 जुलाई को पूर्व अग्निवीरों को 10% आरक्षण देने का ऐलान किया। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जल्द ही नियम लागू किए जाएंगे।
BSF डीजी नितिन अग्रवाल और CISF डीजी नीना सिंह ने यह जानकारी दी। दरअसल 18 जून 2022 को गृह मंत्रालय ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें कहा था कि CAPF और असम राइफल्स में पूर्व अग्निवीरों को 10% आरक्षण दिया जाएगा। CAPF के अंतर्गत BSF, CRPF, ITBP, SSB और CISF ऑर्म्ड आती हैं।
जानिए क्या है अग्निपथ स्कीम…
सरकार ने 2022 में अग्निपथ स्कीम लॉन्च की थी। इसके तहत आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में चार साल के लिए नौजवानों को कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किया जाता है। 4 साल में छह महीने की ट्रेनिंग भी शामिल है। चार साल बाद अग्निवीरों को उनकी कार्यक्षमता के आधार पर रेटिंग दी जाएगी। इसी मेरिट के आधार पर 25% अग्निवीरों को परमानेंट सर्विस में लिया जाएगा। बाकी लोग वापस सिविल दुनिया में आ जाएंगे।
इस स्कीम में ऑफिसर रैंक के नीचे के सैनिकों की भर्ती होगी। यानी इनकी रैंक पर्सनल बिलो ऑफिसर रैंक यानी PBOR के तौर पर होगी। इन सैनिकों की रैंक सेना में अभी होने वाली कमीशंड ऑफिसर और नॉन-कमीशंड ऑफिसर की नियुक्ति से अलग होगी। साल में दो बार रैली के जरिए भर्ती की जाएगी।
अग्निवीर बनने के लिए 17.5 साल से 21 साल का होना जरूरी है। साथ ही कम से कम 10वीं पास होना जरूरी है। 10वीं पास भर्ती होने वाले अग्निवीरों को 4 साल की सेवा पूरी करने के बाद 12वीं के समकक्ष सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

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14 जून को अग्निपथ स्कीम की घोषणा हुई। ऐलान होते ही ये स्कीम सवालों के घेरे में आ गई। सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने विरोध शुरू कर दिया। अभी भी उनके मन में इस स्कीम को लेकर कई कंफ्यूजन रहे थे।
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