‘आपस में हमें लड़ाना चाहते हो?’, बंटेंगे तो कटेंगे पर सवाल से भड़के केशव मौर्य

प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर डिप्टी चीफ मिनिस्टर केशव प्रसाद मौर्य भड़क गए. डिप्टी सीएम ने नाराजगी में कहा कि माननीय मुख्यमंत्री कोई बात करते हैं तो उस पर मुझसे टिप्पणी क्यों लेना चाहते हो?.. क्या आप मीडिया के मित्र आपस में हमें लड़ाना चाहते हो? गंगापार झूंसी में फूलपुर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी दीपक पटेल के समर्थन में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मीडिया से बातचीत में यह टिप्पणी की.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से पूछा गया था कि मुख्यमंत्री के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ बयान पर उनका क्या कहना है? इस सवाल पर केशव प्रसाद मौर्य नाराज हो गए. इसपर उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री कोई बात कहते हैं तो आप उस पर मुझसे टिप्पणी क्यों लेना चाहते हैं? क्या मीडिया के मित्र हमें आपस में लड़ाना चाहते हैं? उन्होंने कहा, ‘माननीय मुख्यमंत्री जी जो भी बोलते हैं, अगर उस पर कोई सवाल है तो मुख्यमंत्री जी से करना चाहिए. हम सब मिलकर प्रदेश के लिए काम करते हैं.’
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विपक्षी दलों पर आक्रामक
केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा. डिप्टी सीएम ने कहा कि भाजपा विरोधी पार्टियां चाहती हैं कि भारत की प्रगति रुक जाए. आत्मनिर्भर भारत न बने, विकसित भारत न बने. लेकिन, इनकी सोच को रौंदते हुए जनता ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया. भाजपा को और मजबूत बनाया है. बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहसो के कसेरुआ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, ‘अयोध्या में 500 वर्षों का इंतजार हमें इसलिए करना पड़ा था, क्योंकि हम बंटे थे. काशी और मथुरा में हमें अपमान इसलिए झेलना पड़ा, क्योंकि हम बंटे थे. जब बंटे थे तो कटे थे. भारत में आज सबसे बड़ी चुनौती जाति के नाम पर बांटने वाले लोग हैं.’
क्या बोले नितिन गडकरी?
बीजेपी के सीनियर लीडर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी सीएम योगी के बंटेंगे तो कटेंगे स्लोगन पर अपनी राय रखी है. नितिन गडकरी ने बीजेपी के प्रचार के मुद्दों के साथ-साथ महायुति की संभावित जीत पर भी टिप्पणी की है. योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे नारे पर नितिन गडकरी ने कहा कि जहां तक उनकी समझ है, हमें जाति, धर्म, भाषा और लिंग के आधार पर नहीं बांटा जाना चाहिए. हमें संगठित होना होगा. इसका संदेश यह है कि हम भारतीय हैं और हमें एकजुट रहना चाहिए. उनका कहना है कि हम अलग-अलग पार्टियां हैं और हमने गठबंधन बनाया है. अगर हम एक पार्टी हैं तो हमें अपने विचारों में एक होना चाहिए. हर पार्टी में कुछ न कुछ खास होता है. यह राजनीति में काम करता है और इसीलिए यह गठबंधन है.
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FIRST PUBLISHED : November 16, 2024, 21:03 IST