आजादी की पहली सुबह 5 खास VIDEOS में: लाल किले पर गूंजी बिस्मिल्लाह खां की शहनाई, जश्न में डूबे 40 करोड़ लोग

2 घंटे पहले
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भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। 200 सालों तक ब्रिटिश सत्ता से संघर्ष करने के बाद 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ था। उस दिन हर किसी की आंखों में खुशी के आंसू थे। उस ऐतिहासिक पल की कुछ झलक आप भी देखिए।
1. बिस्मिल्लाह खां की शहनाई जो उन्होंने लाल किले से बजाई थी
आजादी के पलों को और शुभ बनाने के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को दिल्ली बुलाया गया था। वे उत्साह से सराबोर थे और उनके साथ साजिंदों का एक दल भी था। उस रोज आजादी के जश्न के कार्यक्रम में बिस्मल्लाह खां ने खुशी का राग काफी बजाया था।
2. आजाद भारत के पहले ध्वजारोहण की उमंग
हर जगह उत्साह था। तिरंगे को लहराते हुए देखने के लिए 15 अगस्त की शाम 5 बजे तक प्रिंसेस पार्क में 5 लाख लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। अगले दिन यानी 16 अगस्त को जब लाल किले पर पहली बार तिरंगा फहराया गया तो वहां भी लाखों लोग मौजूद थे।
3. 40 करोड़ लोगों में जश्न का उत्साह
उस दिन 40 करोड़ से अधिक लोग दो आजाद मुल्कों भारत और पाकिस्तान की खुली हवा में सांस लेने के लिए तैयार थे। दिल्ली में संसद भवन के बाहर उत्साह और जश्न मनाते लाखों लोगों का हुजूम पहुंच गया था। माहौल खुशी, उत्सव और मेले जैसा बन गया था।
4. जब ब्रिटिश सेना ने छोड़ा था भारत
18 अगस्त 1947 को ब्रिटिश सेना की पहली टुकड़ी भारत छोड़कर रवाना हुई थी। जैसे ही ब्रिटिश सैनिक जहाज की ओर बढ़े रॉयल इंडियन नेवी बैंड बजने लगा। शिप जॉर्जिक भारतीय तट छोड़कर रवाना हो गया। अब भारत अपने देश की सुरक्षित सेना के हाथ में था।
5. नेहरू का वो भाषण जब हुई थी नए युग की शुरुआत
14 अगस्त 1947 की आधी रात को भारतीय संविधान सभा में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने ऐतिहासिक भाषण दिया था…ट्रिस्ट विद डेस्टिनी… यानी नियति के साथ मुलाकात…। उस दिन एक युग समाप्त हो रहा था और राष्ट्र की आत्मा को अभिव्यक्ति मिली थी।