Published On: Fri, Apr 19th, 2024

आईओबी की पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक को जेल: सात साल की कैद के साथ 15 करोड़ जुर्माना; 23 साल पुराना धोखाधड़ी का मामला

Share This
Tags


Former IOB senior Manager Jail Punishment in 2001 Fraud Case of Gujarat

अदालत का फैसला (सांकेतिक)
– फोटो : ANI

विस्तार


गांधीनगर की विशेष सीबीआई अदालत ने इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी)की अहमदाबाद की वस्त्रपुर शाखा की तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक प्रीति विजय सहजवानी को 15 करोड़ रुपये जुर्माने के साथ सात साल की कैद की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश ने उन्हें यह सजा जालसाजी, जाली दस्तावेज को असली के रूप में पेश करने और बैंक को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाने के अपराधों का दोषी मानते हुए सुनाई।

अदालत ने जुर्माने की 15 करोड़ रुपये की रकम को शिकायतकर्ता बैंक में जमा कराने के आदेश दिए। मामले को लेकर सीबीआई ने आईओबी, अहमदाबाद के तत्कालीन वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक की शिकायत पर 29 अक्तूबर, 2001 को आईओबी से धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। इसमें प्रीति विजय सहजवानी पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए किसी भी प्राधिकार पत्र या पावर ऑफ अटॉर्नी के बिना दो जमाकर्ताओं की लगभग 2.14 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अनिवासी (एफसीएनआर) जमा राशि को दो फर्जी खातों में जमा किया गया था।

इसके अलावा बिना सरेंडर की गई जमा रसीदों के विरुद्ध पांच अन्य लोगों के फर्जी खातों में लगभग 1.40 करोड़ रुपये की राशि का कर्ज स्वीकृत किया था। इसके लिए फर्जीवाड़ा कर राशि, तिथि, परिपक्वता मूल्य आदि में परिवर्तन किया गया।

सहजवानी का कनाडा से किया गया था प्रत्यर्पण

मामले में पुलिस ने 15 अक्तूबर, 2003 को आरोप पत्र दायर किया गया था। उन पर बैंक को ब्याज सहित लगभग 2 करोड़ का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। उस समय सहजवानी कनाडा चली गई थीं। उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर कनाडाई आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में लिया था और जनवरी 2012 में भारत भेज दिया था। उन्हें अहमदाबाद की विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।



Source link

About the Author

-

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>