Published On: Sun, Jun 1st, 2025

अयोध्या में राममंदिर का शिखर सोने से जगमगाया: दूर से ही बिखेर रहा चमक; 5 जून को होगी राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा – Ayodhya News


राम मंदिर के शिखर पर लगे कलश की पूजा की गई है। उस पर फूल-माला भी लगी है।

अयोध्या में रामलला के मंदिर के शिखर पर स्वर्ण जड़ित कलश लगाया गया गया है। यह दूर से ही चमक बिखेर रहा है।

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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रविवार को मंदिर के स्वर्ण जड़ित भव्य और चमकदार शिखर की तस्वीरें जारी की हैं। मंदिर में 5 जून को राम दरबार की स्थापना की जाएगी। इसके लिए अनुष्ठान 3 जून से प्रारंभ हो जाएंगे।

अयोध्या में रामलला मंदिर के शिखर पर स्वर्ण जड़ित कलश लगाया गया। रविवार को ट्रस्ट ने इसकी तस्वीरें जारी कीं।

अयोध्या में रामलला मंदिर के शिखर पर स्वर्ण जड़ित कलश लगाया गया। रविवार को ट्रस्ट ने इसकी तस्वीरें जारी कीं।

अयोध्या में रामदरबार की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को अयोध्या राम मंदिर में 5 जून को राम दरबार सहित 7 मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा होगी। गंगा दशहरा पर सुबह 11 बजे के बाद स्थिर लग्न और अभिजीत मुहूर्त में पूजा शुरू होगी। प्राण प्रतिष्ठा में अयोध्या और काशी के 101 आचार्य शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि CM योगी को ट्रस्ट की ओर से आमंत्रित किया गया है। योगी ने आमंत्रण स्वीकार कर लिया है।

3 जून से शुरू होगा अनुष्ठान कार्यक्रम प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान कार्यक्रम 3 जून से शुरू होगा। इससे पहले 2 जून को महिलाओं द्वारा सरयू जल कलश यात्रा निकाली जाएगी। 3 जून की सुबह 6.30 बजे से सभी मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ शुरू होगा, जो रात 9 बजे तक चलेगा। दोपहर में 1 घंटे का विश्राम होगा। इसी तरह 4 जून को भी विशेष पूजा-पाठ होगा। फिर 5 जून को सुबह 5.30 बजे पूजा शुरू होगी। प्राण प्रतिष्ठा 11 बजे के बाद की जाएगी।

रामलला मंदिर के शिखर पर लगा स्वर्ण जड़ित कलश दूर से ही जगमगा रहा है।

रामलला मंदिर के शिखर पर लगा स्वर्ण जड़ित कलश दूर से ही जगमगा रहा है।

इन 7 मंदिरों में होनी है प्राण प्रतिष्ठा मंदिर के फर्स्ट फ्लोर पर राम दरबार की स्थापना हुई है, जबकि परकोटे में 6 मंदिरों में भगवान सूर्य, गणेश, हनुमान, शिव, माता भगवती और माता अन्नपूर्णा की मूर्तियां स्थापित की गई है। इन्हीं मंदिरों में 5 जून को प्राण प्रतिष्ठा होगी।

इसके अलावा, सप्त मंडपम में 7 मंदिर बने हैं। इनमें महर्षि वाल्मीकि, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वशिष्ठ, निषादराज, अहिल्या और शबरी की मूर्ति स्थापित की जा चुकी है।

7 मंदिर भक्तों के लिए कब खोले जाएंगे, अभी तय नहीं प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा। फर्स्ट फ्लोर पर राम दरबार और परकोटे में 6 भगवान सूर्य, गणेश, हनुमान, शिव, माता भगवती और माता अन्नपूर्णा का मंदिर भक्तों के दर्शन के लिए किस दिन खोला जाएगा, इस पर अभी फैसला नहीं हो पाया है। मंदिर के पश्चिम हिस्से में लिफ्ट लगाई जा रही है।

अयोध्या में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को होगी। उसके पहले सारी तैयारियां पूरी की जा रही हैं।

अयोध्या में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को होगी। उसके पहले सारी तैयारियां पूरी की जा रही हैं।

प्राण प्रतिष्ठा के दिन रामलला के दर्शन जारी रहेंगे प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में CM योगी और काशी-अयोध्या के 101 आचार्यों के अलावा 20 संत-धर्माचार्य, 15 गृहस्थ और ट्रस्ट के पदाधिकारी को भी आमंत्रित किया गया है। प्राण प्रतिष्ठा उत्सव के दौरान ग्राउंड फ्लोर पर रामलला का दर्शन जारी रहेगा।

राम दरबार की मूर्तियां मकराना के सफेद संगमरमर से बनी है। इसमें भगवान श्रीराम और सीता सिंहासन पर विराजमान हैं। भरत और हनुमानजी भगवान श्रीराम के चरणों के पास बैठे हैं। मूर्ति जयपुर में बनकर तैयार हुई है। सत्य नारायण पांडे, गोविंद, केशव, समेत 5 मूर्तिकारों ने बनाई है।

प्राण प्रतिष्ठा के लिए मंदिर के अंदर कुछ इस तरह से सजावट की जा रही है।

प्राण प्रतिष्ठा के लिए मंदिर के अंदर कुछ इस तरह से सजावट की जा रही है।

जगह-जगह हो रही सजावट श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अयोध्या में उत्साह का माहौल है। जगह-जगह सजावट, फूल-मालाएं, दीपों और झंडों से मंदिर परिसर को सजाया जा रहा है। श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है। वहीं, सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है।

29 अप्रैल को ध्वज दंड स्थापित किया गया था।

29 अप्रैल को ध्वज दंड स्थापित किया गया था।

मंदिर की कुल ऊंचाई 203 फीट 29 अप्रैल को मंदिर के शिखर पर 42 फीट ऊंचा धर्म ध्वजदंड लगाया गया था। राम मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक, मंदिर का शिखर 161 फीट ऊंचा है। ध्वज लगने के बाद मंदिर की ऊंचाई 203 फीट हो गई है। ध्वजदंड का वजन 5.5 टन है और यह पीतल (ब्रास) से बना है। इसकी आयु करीब 100 साल है। इसे 60 कारीगरों ने 7 महीने में तैयार किया है।

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