अब यहीं से निकलेंगे चैंपियन… खिलाड़ियों को नहीं जाना होगा बड़े शहर, अलवर में मिलेगा इंटरनेशनल ट्रैक!

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Alwar News: अलवर के इंदिरा गांधी स्टेडियम में एथलेटिक/सिंथेटिक ट्रैक के निर्माण को प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी मिल गई है. 6.63 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह ट्रैक खिलाड़ियों को आधुनिक सुविधाएं देगा. इससे …और पढ़ें

अलवर के इंदिरा गांधी स्टेडियम में एथलेटिक/सिन्थेटिक ट्रैक बनेगा
हाइलाइट्स
- अलवर स्टेडियम में बनेगा एथलेटिक/सिंथेटिक ट्रैक
- 6.63 करोड़ रुपये की लागत से होगा निर्माण
- खिलाड़ियों को मिलेंगी उच्च स्तरीय खेल सुविधाएं
अलवर. अलवर के इंदिरा गांधी स्टेडियम में एथलेटिक/सिंथेटिक ट्रैक के निर्माण को प्रशासनिक मंजूरी मिल गई है. अलवर से सांसद व केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव के प्रयासों से यह कार्य संभव हो सका है. इस ट्रैक के निर्माण पर कुल 6 करोड़ 63 लाख रुपये की लागत आएगी. अब इस कार्य के लिए प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है.
पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की अनुशंसा पर त्वरित स्वीकृति जारी करने पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का आभार जताया है. उन्होंने बताया कि इस ट्रैक के निर्माण से खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय खेल सुविधाएं मिलेंगी और उन्हें बड़े शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा. इससे स्थानीय खेल प्रतिभाओं को तराशने में मदद मिलेगी.
राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी की संभावना
संजय शर्मा ने यह भी कहा कि यह ट्रैक भविष्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी के लिए भी उपयोगी सिद्ध हो सकता है. इससे जिले की खेल छवि को नयी पहचान मिलेगी.
विभागीय आदेश जारी
इस संदर्भ में नगरीय विकास विभाग के उप शासन सचिव रवि विजय ने आदेश जारी किए हैं. आदेश में नगर विकास न्यास अलवर की सचिव को निर्देश दिया गया है कि इंदिरा गांधी स्टेडियम में एथलेटिक/सिंथेटिक ट्रैक के निर्माण हेतु 6 करोड़ 63 लाख रुपये की प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति प्रदान की जाती है. कार्य की उपयोगिता सुनिश्चित करते हुए आवश्यकतानुसार सरकारी या निजी भूमि पर संबंधित विभाग या स्वामी से स्वीकृति प्राप्त की जाए.
राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों व नियमों की पूर्ण पालना की जाए. प्रतिस्पर्धी ई-निविदा प्रक्रिया अपनाई जाए. बजट प्रावधान की पूर्ण पूर्ति की जाए. साथ ही राजस्थान लोक उपापन अधिनियम 2012 तथा नियम 2013 की पालना करना अनिवार्य होगा.