अजमेर आने का कर रहे हैं प्लान, इन 5 मंदिरों का जरूर करें दर्शन-पूजन, श्रद्धा और आस्था का है प्रमुख केंद्र

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Ajmer Religious Tourist Place: राजस्थान का अजमेर शहर धार्मिक महत्व को लेकर देश में प्रमुख स्थान रखता है. यहां पर अनेकों प्रसिद्ध मंदिर मौजूद है, जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. यहां माता वैभव…और पढ़ें

माता लक्ष्मी का यह प्राचीन मंदिर मराठा कालीन है. अजमेर में मराठों के शासन के वक्त माता वैभव लक्ष्मी के मंदिर का निर्माण करवाया गया था. शुक्रवार को दिन भर व्रत रखने के साथ माता वैभव लक्ष्मी के दर्शनों के लिए महिलाएं इस मंदिर पर जरूर आती हैं.

अजमेर में बूढ़ा पुष्कर रोड पर 1100 साल वर्ष पुराना भगवान गणेश का प्राचीन मंदिर मौजूद है. जिसे भट बावड़ी गणेश मंदिर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर की मान्यता है कि जिन लोगों के घरों में विवाह में देरी हो रही होती है तो वह यहां आकर नारियल को मूली के धागे के साथ बांधकर मनोकामना की अर्जी लगाते हैं तो उनकी मनोकामना पूरी होती है.

अजमेर के सराधना गांव में स्थित मां गौरी का ऐतिहासिक और चमत्कारिक प्राचीन मंदिर है. माता का यह पवित्र धाम मार्कंडेय ऋषि की तपोभूमि रहा है. यहां दूर-दूर से भक्त माता के दर्शन करने के लिए आते हैं

अजमेर के नसीराबाद रोड पर 130 साल पुराना बालाजी का मंदिर है, जिसे सात पीपली बालाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है. यहां मंगलवार और शनिवार को भक्तों की भारी संख्या में भीड़ रहती है.

अजमेर के नया बाजार स्थित मराठा कालीन अर्थ चंद्रेश्वर महादेव मंदिर परिसर में प्राचीन हनुमान जी का मंदिर मौजूद है, जिसे सगाई वाले बालाजी के नाम से जाना जाता है. सगाई वाले बालाजी की महिमा सुनकर लोग दूर-दूर से बालाजी से मन्नतें मांगने आते हैं.

पुष्कर में स्थित रंगजी मंदिर में मुगल वास्तुकला के साथ-साथ दक्षिण भारत की स्थापत्य कला की झलक देखने को मिलती है. यह विष्णु जी के अवतार भगवान रंगजी को समर्पित है.

अजमेर की रामगंज में स्थित प्राचीन काली माता का मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है. नवरात्रि के समय मंदिर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. यहां निकलने वाला मां काली का अखाड़ा देखने लायक होता है.