अंबाला में भाजपा राज में उन्हीं की मेयर बेघर: पार्क में बैठकर कर रही काम, नगर निगम ने छोड़ा टेंडर, 8 माह का कार्यकाल बचा – Ambala News

अंबाला में मेयर उप-चुनाव के नतीजे आए हुए दो महीने से ऊपर का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक मेयर के लिए ऑफिस की व्यवस्था नहीं हुई है। जिसके बाद मेयर अपने काम काज को एक पार्क से ही चला रहीं हैं। यह पार्क नगर निगम के ऑफिस के सामने ही है। वहीं, बैठकर मेयर
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मेयर के आफिस को तैयार करने के लिए ठेका छोड़ दिया गया है, जिसका समय 6 माह का है। जबकि मेयर का ही पूरा कार्यकाल 8 माह का बचा है। अब ऐसे में मेयर का कहना है कि उनको यह नहीं लगता कि वह अपने कार्यकाल में अपने ऑफिस में बैठ सकेंगी।
वहीं, एक महीने पहले मेयर शैलजा सचदेवा ने एक बयान देते हुए कहा था कि जहां तक ऑफिस का सवाल है तो ऑफिस हो या न हो उससे हमारे काम पर कोई फर्क नहीं आ रहा। उन्होंने अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि ऑफिस तब ही शुरू होगा, जब यहां के अधिकारी उचित समझेंगे। उन्होंने इसको दलगत राजनीति भी कहा है।
अप्रैल माह में जारी हुआ था टेंडर
बता दें कि, अप्रैल माह में मेयर ऑफिस के लिए टेंडर जारी किया गया था। जिसमें समय सीमा 6 माह की रखी गई थी। अब इसमें काम पूरा न होने पर दो माह का एक्स्टेंशन की बात कही गई है। वहीं, जनवरी 2026 में मेयर के चुनाव संभावित हैं। जिसकी आचार संहिता दिसंबर 2025 में लग जाएगी। अब मेयर का कहना है कि उनको यह नहीं लगता कि वह अपने इस कार्यकाल में अपने कार्यालय में बैठ सकेंगी।

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं संग बातचीत करती मेयर शैलजा सचदेवा
भाजपा की पहली मेयर हैं सचदेवा
नगर निगम अंबाला की बात करें तो भाजपा की पहली मेयर शैलजा सचदेवा बनी हैं। इससे पहले हरियाणा जनचेतना पार्टी की शक्ति रानी शर्मा यहां से मेयर थी। अंबाला कैंट और शहर जब नगर निगम था तब मेयर रमेश मल थे। कैंट नगर परिषद बनने के बाद नगर निगम अंबाला दोबारा से बनाया गया जिसमें सबसे पहली मेयर शक्ति रानी तो दूसरी शैलजा सचदेवा हैं।
चैंबर बना नहीं, रास्ते पर भी शुरू हुआ विवाद
अभी मेयर का चैंबर बनकर तैयार तक नहीं हुआ है, जबकि मेयर के आफिस तक जाने वाले रास्ते को लेकर विवाद शुरू हुआ है। पहले चैंबर और पब्लिक के लिए दो अलग-अलग रास्ते बनाए गए थे। जिसमें एक रास्ते को बंद करा दिया गया है। जिससे पब्लिक के रास्ते से ही मेयर को अपने चैंबर तक जाना पड़े। प्रोटोकॉल के अनुसार मेयर के साथ वाले कमरे में पब्लिक और मेयर के जाने का रास्ता अलग-अलग होता है।

डिप्टी मेयर के ऑफिस पर लगी मेयर की नाम प्लेट का फाइल फोटो।
अब पढ़िए कहां से शुरू हुआ ऑफिस विवाद…
शक्ति रानी बनी थी विधायक उनकी जगह बैठे डिप्टी मेयर
अंबाला में पूर्व मेयर रहीं शक्ति रानी के विधायक बनने के बाद से अंबाला की मेयर सीट खाली हुई थी। इस दौरान यहां पर सीनियर डिप्टी मेयर मीना ढींगरा को यह जगह दे दी गई। तब से ही यह ऑफिस सीनियर डिप्टी मेयर के पास ही था। अब अंबाला में मेयर चुनाव हुए तो यहां से भाजपा की मेयर प्रत्याशी शैलजा सचदेवा विजयी हुई। उनके जीतने के बाद उन्होंने शपथ ली और वह ऑफिस पहुंची तो उनको अपना ऑफिस ही नहीं मिला।
पहले दिन से ही पार्क में बैठ कर किया सारा काम
अंबाला की जनता ने जिसे मेयर बनाकर भेजा उसे ऑफिस के सामने पार्क में बैठकर अपने काम करने पड़ रहे हैं। वजह थी कि अंबाला मेयर के लिए कमरा था ही नहीं। उन्होंने पहले दिन से ही पार्क में बैठकर अपनी सारी कागजी कार्रवाई आदि की। उसके बाद उन्होंने जन समस्याएं भी पार्क में ही बैठ कर सुनीं। कई दिनों तक उन्होंने यह क्रम जारी रखा। लेकिन, फिर भी उनके लिए कोई ऑफिस तैयार नहीं किया गया।
विवाद बढ़ा तो सीनियर डिप्टी मेयर के साथ लगी नेम प्लेट
इसके बाद ऑफिस न मिलने का विवाद और ज्यादा बढ़ गया। जिसके बाद सीनियर डिप्टी मेयर के साथ ही अंबाला की नवनिर्वाचित मेयर की नाम पट्टिका लगा दी। जिसके बाद मेयर ने उस कमरे को लेने से इनकार कर दिया। यह विवाद भी काफी चर्चा में रहा। मेयर ने कहा था कि क्या एक मेयर के लिए सेपरेट कार्यालय नहीं होना चाहिए।

नगर निगम अंबाला
मेयर बोली- जब अधिकारी उचित समझेंगे तब होगा काम
एक कार्यक्रम में पत्रकारों ने मेयर शैलजा सचदेवा से ऑफिस को लेकर प्रश्न किया तो उन्होंने अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि ऑफिस तब ही शुरू होगा जब यहां के अधिकारी उचित समझेंगे। उनके जब मन में आएगा तब वह मुझे ऑफिस देंगे। उन्होंने इसको दलगत राजनीति भी कहा है।
उन्होंने कहा हम अपना काम बिना ऑफिस के भी कर सकते हैं। जब अफसर ऑफिस तैयार करके देंगे, तब हम अपने परिवार से बातचीत करेंगे। सभी अंबाला के निवासियों से इसमें राय मांगेंगे। उन्होंने कहा कि ऑफिस में बैठने का निर्णय पूरा अंबाला परिवार करेगा।

मेयर ऑफिस में काम चलता हुआ।
वरिष्ठ नेताओं संग हो चुकी है बातचीत
सूत्रों की मानें तो इस मामले में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं से मिलकर मेयर शैलजा सचदेवा ने अवगत कराया है। उन्होंने पीएम मोदी की यमुनानगर में हुई रैली के बाद मंत्री अनिल विज और केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिली थी। जिसमें उन्होंने अंबाला में चल रहे ऑफिस विवाद से अवगत कराया था।