Published On: Sat, Jul 20th, 2024

अंबानी की शादी में यही कमी रह गई!: शादी का जोश ठंडा हो जाए; तो ध्यान आएगा, हमने सुरेंद्र शर्मा को तो बुलाया ही नहीं – Uttar Pradesh News



विश्व का सबसे बड़ा विवाहोत्सव संपन्न हो गया। पूरे संसार का इलेक्ट्रॉनिक मीडिया गदगद हो उठा। खर्च किया अंबानी ने और कमाई हुई मीडिया की! ये पहला ऐसा विवाह था जो पांच बार में संपन्न हुआ। प्री-वेडिंग हुई तो मुझे पता चला कि शादी से पहले भी शादी होती है। श

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इतने बड़े समारोह में आदमी कितनी भी सावधानी बरते, कोई न कोई चूक रह ही जाती है। शादी का जोश थोड़ा ठंडा हो जाए, तो मुकेश अंबानी को ध्यान आएगा, ‘अरे! हमने सुरेंद्र शर्मा को तो बुलाया ही नहीं।’ अरे भाई, अब सोचने से क्या फायदा? वक्त निकलने के बाद ढोल पीटने का क्या लाभ? मुझे न बुलाकर उन्होंने अपना ही नुकसान किया है। मैं जाता तो लाख कंजूसी के बाद भी कम से कम इक्यावन सौ रुपए तो देकर आता… और वो भी नगद! ये रकम छोटी नहीं है। इतने तो मुझे मेरे खुद के ब्याह में टीके में मिले थे… वो भी काफी लड़ने-झगड़ने के बाद!

ब्याह का समय था। उस समय मुकेश की जेब की तलाशी ली जाती, तो उसमें सौ रुपए भी नहीं मिलते। मैं जाता तो कम से कम उसकी जेब तो खाली नहीं रहती। इक्यावन सौ होते जेब में… पूरे इक्यावन सौ। अगले के पास वार फेर तक के लिए सौ रुपए नहीं थे! पूरे देश में सूर, तुलसी, मीरा और अन्य महान कवियों के वंशज के रूप में एक मैं ही तो कवि था, वो भी हंसाने वाला कवि! करोड़ों खर्च करके बाकी सारे कलाकार तुमने खुद को नचाने के लिए बुलाए। मुझे बुलाते तो तुम्हें हंसाता भी।

क्या खो दिया तुमने मुकेश! शादी से पहले छोरों को हंसने का एक ही मौका मिलता है। शादी के बाद तो छोरों के बाप को भी बीन बजानी पड़ती है। तुमने ही निमंत्रण देने में लापरवाही की। वरना मैं तो इक्यावन सौ रुपए का लिफाफा तैयार किए बैठा था। अब उसमें से पैसे निकाल लूंगा तो ऐसा लगेगा, जैसे किसी की अमानत में खयानत कर रहा हूं। जो पैसे किसी की जरूरत में काम आते, वो अब मेरे द्वारा फिजूलखर्ची के काम आएंगे!

एक बात के लिए मुकेश भाई को बधाई! अरसे बाद तुम्हारे कारण सभी राजनीतिक दलों के लोग एक साथ होकर भी खुश दिखाई दिए। एक साथ तो ये संसद में भी होते हैं, लेकिन एक-दूसरे पर टीका-टिप्पणी करते हुए। आपके समारोह में सब एक-दूसरे से हंसकर मिले। बाकी देशों में ऐसे दृश्य देखने को नहीं मिलते, क्योंकि वहां अपने नेताओं को खुश करने के लिए इतना मोटा खर्चा कोई नहीं कर पाता।

मैं वर-वधू को उनके विवाह की शुभकामनाएं देता हूं। ईश्वर ने तुम्हें समृद्धि-संपत्ति से समृद्ध किया है। इतना जरूर कहूंगा कि जब तुम्हारे घर में किलकारी गूंजे तो मुझे शादी में न बुलाने की जो गलती की है उसे सुधार लेना। फिर बताता चलूं कि मेरे लिफाफे में अभी भी इक्यावन सौ रुपए नगद रखे हैं!

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