अंता उपचुनाव: बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला.

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Anta Assembly By-Election: राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार के लिए अंता विधानसभा उपचुनाव और नवंबर-दिसंबर 2025 में प्रस्तावित पंचायत व नगर निकाय चुनाव एक महत्वपूर्ण राजनीतिक चुनौती साबित होंगे. बीजेपी विधायक कंवर …और पढ़ें

बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की वजह से अंता विधानसभा में उपचुनाव होंगे.
हाइलाइट्स
- अंता उपचुनाव विधायक की अयोग्यता के कारण हो रहा है.
- बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अंता सीट पर जीत का दावा किया.
- अंता सीट बीजेपी विधायक कंवर लाल मीणा की अयोग्यता से खाली हुई.
जयपुर. हाड़ौती क्षेत्र में 25 साल में यह पहला मौका है जब किसी विधायक की अयोग्यता के कारण उपचुनाव होगा. अंता उपचुनाव और पंचायत-निकाय चुनाव सरकार के दो साल के कामकाज का लिटमस टेस्ट होंगे. बीजेपी जहां अपनी जीत की लय बरकरार रखना चाहेगी, वहीं कांग्रेस इस मौके को सत्ता विरोधी लहर में बदलने की कोशिश करेगी.
भाजपा-कांग्रेस दोनों ने सीट का दावा ठोका
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने इस सीट पर जीत का दावा ठोका है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि डबल इंजन सरकार के कार्यों को जनता का समर्थन मिलेगा और पार्टी इस सीट को फिर से जीतेगी. दूसरी ओर, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने दावा किया कि अंता परंपरागत रूप से कांग्रेस का गढ़ रही है. 2008 से अब तक चार चुनावों में दोनों पार्टियों ने दो-दो बार जीत दर्ज की, लेकिन कांग्रेस की जीत 20,000 से अधिक वोटों के अंतर से हुई, जबकि भाजपा का जीत मार्जिन कम रहा. पिछले आठ उपचुनावों में भाजपा ने छह और कांग्रेस ने दो सीटें जीतीं.
अंता विधानसभा सीट क्यों हुई खाली
विधानसभा चुनाव 2023 में यहां से बीजेपी के विधायक और राजेंद्र राठौड़ के करीबी कंवरलाल मीणा ने जीत हासिल की थी. उनके खिलाफ दर्ज एक आपराधिक मामले में सजा होने के बाद विधानसभा अधिनियम के तहत उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई.
कंवरलाल मीणा से क्यों छीनी विधायकी
मीणा को 2005 में उपसरपंच चुनाव के दौरान एक प्रशासनिक अधिकारी (SDM) पर पिस्तौल तानने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई. सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपील खारिज होने के बाद मीणा ने मनोहर थाना कोर्ट में आत्मसमर्पण किया. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने उनकी सदस्यता समाप्त कर दी. यह कार्रवाई जनप्रतिनिधित्व जनता अधिनियम (Representation of the People Act, 1951) की धारा 8(3) के तहत थी, जो दो साल या उससे अधिक की सजा पर स्वतः अयोग्यता लागू करती है.
बीजेपी के एक विधायक की पहले भी जा चुकी है सदस्यता
इससे पहले साल 2017 में बीजेपी विधायक बंसीलाल कुशवाहा की सदस्यता भी जा चुकी है. बीएल कुशवाहा को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और सजा के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता तत्काल समाप्त कर दी गई और धौलपुर में उपचुनाव हुआ. धौलपुर विधानसभा उपचुनाव 2017 में बीजेपी के टिकट पर ही शोभा रानी कुशवाह. बीएल कुशवाहा की पत्नी शोभा रानी ने कांग्रेस उम्मीदवार बनवारी लाल शर्मा को 38,587 वोटों के अंतर से हराया. इस उपचुनाव में शोभा रानी को 76,348 वोट मिले, जबकि बनवारी लाल को 37,761 वोट प्राप्त हुए.
एक दशक से डिजिटल जर्नलिज्म में सक्रिय. दिसंबर 2020 से News18Hindi के साथ सफर शुरू. न्यूज18 हिन्दी से पहले लोकमत, हिन्दुस्तान, राजस्थान पत्रिका, इंडिया न्यूज की वेबसाइट में रिपोर्टिंग, इलेक्शन, खेल और विभिन्न डे…और पढ़ें
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